Category Archives: In Hindi
●●डर की महामारी●●
## भय विष है। डर घातक जहर है। इधर लगता है कि मेंढक और साँप की कहानी को ध्यान में रखना ठीक रहेगा। ## कोरोना ग्रुप में अनेक वाइरस हैं। मनुष्यों में पाये जाते कोरोना समूह के इस अथवा उस … Continue reading
●मृत्यु और अकाल मृत्यु●
## मृत्यु-भय जीवन को सिकोड़ता है। व्यापक स्तर पर मृत्यु-भय सामाजिक मनोरोगों की एक अभिव्यक्ति लगता है। ## सहज-सामान्य मृत्यु की स्वीकार्यता जीवन का विस्तार लिये लगती है। मानव प्रजाति में मृत्यु की स्वीकार्यता के लिये पीढियों के बीच सहज … Continue reading
भाषा की राजनीति
# जन्म पंजाब के हिसार जिले के एक गाँव में (अब हरियाणा के भिवानी जिले में)। माता-पिता अनपढ़। आर्थिक स्थिति बहुत खराब। अकाल के समय सरकार द्वारा जोहड़-तालाब की खुदाई में एक-दो पैसे दिहाड़ी की बातें। युद्ध के दौरान 1942 … Continue reading
कुछ प्रश्न
# 1947 से पहले उपमहाद्वीप में गोरे अफसरों वाली सेना में हिन्दू-मुस्लिम-सिख-इसाई सिपाही के तौर पर भर्ती क्यों होते थे? # यहाँ आज सेना की छावनियों में ढाई सौ वर्ष से, दो सौ वर्ष से, डेढ सौ वर्ष से बनी … Continue reading
शब्द “आन्दोलन
## 1982-1992 तब दिल्ली बॉर्डर से मथुरा की ओर बाइस किलोमीटर तक सड़क के दोनों तरफ फैली फैक्ट्रियों के कारण फरीदाबाद उत्तर भारत का प्रमुख औद्योगिक नगर था। मार्च 1982 में मासिक फरीदाबाद मजदूर समाचार का प्रकाशन आरम्भ हुआ। छब्बीस … Continue reading
सत्ता – राज सत्ता
## सेना की इस रेजीमेंट का ढाई सौंवा स्थापना दिवस। सेना की उस रेजीमेंट का दो सौंवा स्थापना दिवस। सेना की इस रेजीमेंट का डेढ सौंवा स्थापना दिवस। ## भारतीय वायु सेना की स्थापना 1932 में। ## सी आर पी … Continue reading
● किसानी जाने को है ●
● किसानी जाने को है ● ## छुट्टे डाँगर-ढोर 24 दिसम्बर 2020 को हाँसी के निकट गढी गाँव में रात 9 बजे खेत की रखवाली से लौट रहे दो युवकों की दिल्ली-हिसार रोड़ पर किसी वाहन से लगी टक्कर में … Continue reading
छुट-पुट धमकियाँ और मार-पीट -3
## कम्युनिस्ट क्रान्ति के हिन्दी और अँग्रेजी में 1986 तथा 1988 में छपने ने दुनिया में हमारे सम्पर्क बढाये थे। इतालवी वाम में जड़ों वाले इंग्लैण्ड में कम्युनिस्ट वरकर्स ऑरगैनाइजेशन के दो सदस्य फरीदाबाद आये थे। विश्व में राजसत्ता तथा … Continue reading
● छुट-पुट धमकियाँ और मार-पीट -2
## 1982 में गेडोर हैण्ड टूल्स फैक्ट्री में यूनियन का चुनाव करवाने के लिये बस्ती-बस्ती जा कर साथियों ने हस्ताक्षर करवाये। तीनों प्लान्टों के डेढ हजार के करीब मजदूरों के दस्तखत ले कर लन्च ब्रेक में फस्ट प्लान्ट के भूपेन्द्र … Continue reading
आप-हम क्या-क्या करते हैं..
# अपने दैनिक जीवन की बातें। # सहज को, सामान्य को सामने लाना। # हर व्यक्ति के महत्व को स्वीकार करना। # जीवन में आनन्द की, उल्लास की असीम क्षमता के दर्शन। 2002 से 2012 के दौरान मजदूर समाचार के … Continue reading