Category Archives: आदान-प्रदान | Conversational Interactions

व्यवहार-विचार की ऊँची उड़ानों- III | निवास के सम्बन्ध में

इधर विश्व-भर में लॉकडाउन-पूर्णबन्दी ने व्यवहार-विचार की उड़ानों के अनुकूल वातावरण में बहुत उल्लेखनीय वृद्धि की है। ऐसे में 2010-12 में फैक्ट्री मजदूरों के व्यवहार-विचार से प्रेरित मजदूर समाचार के जनवरी 2013 अंक की उड़ान एक प्रेरक भूमिका निभा सकती … Continue reading

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व्यवहार-विचार की ऊँची उड़ानों-II — भोजन के बारे में

इधर विश्व-भर में लॉकडाउन-पूर्णबन्दी ने व्यवहार-विचार की उड़ानों के अनुकूल वातावरण में बहुत उल्लेखनीय वृद्धि की है। ऐसे में 2010-12 में फैक्ट्री मजदूरों के व्यवहार-विचार से प्रेरित मजदूर समाचार के जनवरी 2013 अंक की उड़ान एक प्रेरक भूमिका निभा सकती … Continue reading

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व्यवहार-विचार की ऊँची उड़ानों -I

इधर विश्व-भर में लॉकडाउन-पूर्णबन्दी ने व्यवहार-विचार की उड़ानों के अनुकूल वातावरण में बहुत उल्लेखनीय वृद्धि की है। ऐसे में 2010-12 में फैक्ट्री मजदूरों के व्यवहार-विचार से प्रेरित मजदूर समाचार के जनवरी 2013 अंक की उड़ान एक प्रेरक भूमिका निभा सकती … Continue reading

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कुछ बातें किसानी-दस्तकारी की

“कुछ बातें किसानी-दस्तकारी की” यहाँ मजदूर समाचार के मई 2015 अंक से दे रहे हैं। इससे पहले यह मई 2010 अंक में छापी धी। सम्भव है कि इसमें आपको कुछ प्रस्थान बिन्दु मिलें। कुछ बातें किसानी-दस्तकारी की

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छात्रों से संवाद जो हुआ नहीं

2011-12 के दौरान मारुति सुजुकी मानेसर फैक्ट्री मजदूरों की गतिविधियों ने दुनिया-भर में जारी मन्थन के श्रेष्ठ निष्कर्षों में से एक की झलक दिखाई थी। मजदूर समाचार के तब के अंकों में उन गतिविधियों का नियमित विवरण है। वर्तमान परिस्थितियों … Continue reading

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Focus on social relations an indispensable necessity…

## “Africans” – “Arabs” – “Whites” collaboration in slave trade, in “African” slaves trade ## Focus on social relations an indispensable necessity ## Vibrant times. Abolition of wage-labour based commodity production and hierarchies AS SUCH are on the agenda of … Continue reading

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कुछ बातें जातियों की…

आदान-प्रदान के लिये : मजदूर समाचार के अक्टूबर 2008 अंक से “कुछ बातें जातियों की”। ईमेल तब से बदली है : majdoorsamachartalmel@gmail.com कुछ बातें जातियों की

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वर्तमान वाले श्रम कानूनों को बनाये रखने के पक्ष में

विश्व के कुछ बड़े साहबों का वर्तमान वाले श्रम कानूनों को बनाये रखने के पक्ष में प्रधान मंत्री मोदी को संयुक्त पत्र। यह खत कई अर्थों में रोचक है। पत्र अँग्रेजी में है। एक मित्र ने उपलब्ध करवाया है। Letter … Continue reading

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स्कूल क्लासमेट से प्राप्त रोचक रेखाँकन

स्कूल क्लासमेट से प्राप्त रोचक रेखाँकन : रिमझिम वर्षा ने रेखाँकन द्वारा ट्रिगर किये मनन को अधिक आनन्ददायक बना दिया है। ## स्कूल में गुड बॉय था। वर्षों बाद मुड़ कर देखा तो पाया कि प्रिंसिपल आर एस मणि के … Continue reading

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Self-Activity of Wage-Workers : Towards A Critique of Representation and Delegation

इधर दुनिया-भर में प्रतिनिधि-प्रणाली की स्थिति के दृष्टिगत , लगता है कि 1998 में प्रकाशित हमारी पुस्तिका , “Self-Activity of Wage-Workers : Towards A Critique of Representation & Delegation” पढना उचित रहेगा। सम्भव है कुछ प्रस्थान-बिन्दु मिलें। यह पुस्तिका मुख्यतः … Continue reading

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