लन्दन से पत्र

जनवरी 2010 से फरवरी 2020 अंकों पर आधारित “सतरंगी” छापने के पश्चात अब मजदूर समाचार के जनवरी 2005 से दिसम्बर 2009 अंकों की सामग्री से पुस्तक “सतरंगी-2” तैयार कर रहे हैं। सैंतिसवाँ अंश दिसम्बर 2009 अंक से है। यहाँ एक सफाई कर्मी के अँग्रेजी में पत्र का अनुवाद प्रस्तुत है।

… मजदूर सप्लाई करने वाली एक एजेन्सी के जरिये मैं नगर परिषद में अस्थाई सफाई कर्मी के तौर पर लग गया हूँ। मेरा कार्य गलियों में झाड़ु लगा कर कूड़ा एकत्र करना है जिसे ट्रक पर लगा वैक्यूम क्लीनर फिर अपने में खींच लेता है।

सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन से कम, साढे पाँच पाउण्ड प्रति घण्टा नौकरी पर रखते समय एजेन्सी ने लालच दिया कि नगर परिषद हमें अपना कर्मचारी बना सकती है। इस समय 8 घण्टे प्रतिदिन पर सप्ताह में 5 दिन कार्य करने पर मेरे महीने में करीब 750 पाउण्ड बनते हैं, वर्ष में 9000 पाउण्ड — जबकि नगर परिषद द्वारा रखे सफाई कर्मी को वर्ष में 18,000 से 20,000 पाउण्ड मिलते हैं। एजेन्सी ने कहा कि 6 महीने में वर्दी मिलेगी पर 2-3 वर्ष से कार्य कर रहों ने मुझे बताया है कि उन्हें अभी तक वर्दी नहीं मिली है। लन्दन में एक कमरे का किराया 80 से 100 पाउण्ड प्रति सप्ताह है, महीने का 400 पाउण्ड के करीब। ऐसे में मैं 750 पाउण्ड प्रतिमाह तनखा में मात्र जिन्दा रह सकता हूँ।

बहुत लोग सप्ताह के सातों दिन काम करते हैं। कुछ लोग रोज दो शिफ्ट काम करते हैं। कल जिस ट्रक ड्राइवर के साथ मैंने काम किया वह पोलैण्ड में जन्मा था और उसने सप्ताह में 72 घण्टे कार्य किया — वह नशा करता है। लन्दन इस कम दिहाड़ी पर रखरखाव पर टिका है। बहुत बेरोजगारी है, प्रारम्भिक दिहाड़ी कम है, अपराध बहुत हैं। यह लोगों पर काफी दबाव बनाते हैं।

और, बेतुकियाँ भी : बस और मैट्रो रेल महँगी हैं इसलिये मैंने एक पुरानी साइकिल 50 पाउण्ड में ली है पर उसे बस स्टॉप पर खुले में सुरक्षित रखने के लिये मुझे 100 पाउण्ड का अच्छा ताला लेना होगा। मुख्य सड़क जिस पर मैं झाड़ु लगाता हूँ उस पर पिछले माह गिरोह युद्ध में, गरीबी से जुड़े अपराध में 5 युवकों को गोली मारी गई। जिस बस्ती में मैं रहता हूँ वहाँ शनिवार व रविवार को गरीबी से जुड़े अपराधों के लिये पकड़े गये युवाओं को चिन्हित करते कपड़े पहना कर उन से झाड़ु लगवाई जाती है।

जिस ट्रक ड्राइवर के साथ मैं सामान्य तौर पर काम करता हूँ उसका जन्म अल्जीरिया में हुआ था। वह लन्दन के बहुत व्यस्त यातायात में ट्रक चलाता है, साथ ही वह मैकेनिकल ब्रुशों और वैक्यूम क्लीनर को ऑपरेट करता है। संग-संग वह मोबाइल पर मित्रों से बात करता है जिनसे मिलने का समय उसके पास नहीं है। मैं झाड़ु लगाते हुये पैदल चलना चुनता हूँ क्योंकि यह विचार करने के लिये अधिक समय देता है। चूँकि सामान्य तौर पर आप अपने कमरे में ही झाड़ु लगाते हैं, अब झाड़ु लगाते समय मुझे महसूस-सा होता है कि मेरा कमरा फैल कर लन्दन नगर के हृदय तक आ गया है। पैदल चलना जाँचने-परखने के लिये भी अधिक समय देता है। लन्दन में भिखारी आमतौर पर बैंकों की नकद-भुगतान मशीनों की बगल में बैठते हैं। सफाई कर्मी को ‘नगर कर्मी’ होने का अहसास होता है और डाक कर्मी अथवा खुले में कार्य करते अन्य लोगों से अधिक आसानी से जुड़ सकते हैं। अकसर लोग रास्ता पूछते हैं। मुझे बहुत ज्यादा नहीं चलना पड़ता, दिन में कुल सात मील। कभी-कभी हमें ट्रक पर मैकेनिकल ब्रुश बदलने आदि कार्य करने होते हैं पर उनमें अधिक समय नहीं लगता। हम 8 घण्टे का कार्य 4 घण्टों में पूरा कर घण्टा-दो घण्टा कहीं बैठ लेते हैं और 6 घण्टे बाद मैं चल देता हूँ — पैसे 8 घण्टे के मिलते हैं। ट्रक ड्राइवर ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि उन्हें ट्रक लौटाना पड़ता है — वे मशीन से बँधे हैं।

सब झाड़ु लगाने वाले 8 घण्टे पूरे होने से पहले चल देते हैं। जाँच दल लन्दन में चक्कर लगा कर सफाई के अंक देता है। हमारे क्षेत्र में 4 प्रतिशत कचरा बताया जो कि अच्छे अंक हैं पर मैनेजर लोगों के जल्दी चले जाने से नाराज है। एक मीटिंग जिसमें 30 झाड़ु लगाने वाले थे, मैनेजर बोला कि पिछले महीने आधे लोग समय से पहले चले जाते थे। मैनेजर ने पहले उत्पादन बोनस काटने की धमकी दी पर बोनस स्थाई मजदूरों को ही मिलता है। अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी बात की। मुझे भय हुआ कि मैनेजर की बातों से ड्राइवर डर जायेगा पर वे मैनेजमेन्ट की बातें सुनने के आदी हैं। मीटिंग वाले दिन मैं और भी जल्दी चल दिया। भर्ती करने वाली एजेन्सी भी जल्दी चल देने की बात जानती है और इसे झाड़ु लगाने के कार्य को अच्छी नौकरी बताने के लिये इस्तेमाल करती है।

… लीड्स नगर में हर घर से कूड़े के डिब्बे उठाने वाले और झाड़ु लगाने वाले मजदूरों ने वार्षिक वेतन में 5000 पाउण्ड की कटौती की धमकी के खिलाफ 11 सप्ताह हड़ताल की … यूनियन ने उत्पादकता बढाने का समझौता किया है। ब्राइटन नगर में हर घर पर कूड़े के डिब्बे रखना समाप्त कर दिया है, अब 80 घरों को एक स्थान पर कचरा डालना पड़ता है। संकट के दृष्टिगत डाकखानों में उत्पादकता बढाने के विरोध में डाक कर्मियों ने हड़ताल की। टेस्को सुपरमार्केट में कैशियरों की आवश्यकता खत्म कर दी है — ग्राहक स्वयं सामान की जाँच कर मशीन से भुगतान करें — एक सुपरवाइजर 5 मशीनें देखती-देखता है। अधिक बेरोजगारी, वेतन घटाने के लिये ज्यादा दबाव, अधिक अपराध।

… लन्दन में इस समय 80 हजार फ्लैट खाली पड़े हैं। बेघर लोग समूहों में कब्जे करने लगे हैं …

(2009 में एक पाउण्ड करीब 80 रुपये के बराबर।)

(मजदूर समाचार, दिसम्बर 2009)

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