Category Archives: In Hindi
मजदूर समाचार पुस्तिका पन्द्रह
“मजदूर समाचार पुस्तिका पन्द्रह” का आनन्द लें। जनवरी 2007 से दिसम्बर 2007 सम्भव है कुछ प्रस्थान बिन्दु मिलें। # आदान-प्रदान बढाने के लिये अपने ग्रुपों में फॉर्वर्ड करें। # अभी यह पुस्तिका छापेंगे नहीं। व्हाट्सएप और ईमेल द्वारा इसे प्रसारित … Continue reading
लखानी फुटवियर
##### लखानी फुटवियर ##### लखानी वरदान समूह की प्लॉट 266 स्थित फैक्ट्री के अन्दर बैठे मजदूरों के आग्रह आज, 12 नवम्बर को आलस्य तोड़ने में सफल रहे। पड़ोस में रहते फैक्ट्री वरकर ने मुझे लखानी फुटवियर फैक्ट्री गेट पर एक … Continue reading
ताई की स्मृति में
##### ताई की स्मृति में ##### आज, 15 नवम्बर को ताईजी की मृत्यु हो गई। एक पीढी सम्पन्न-सी हो गई। ताई के दो बटियाँ और पाँच बेटे हैं। ताई के पोते-पोतियों के सन्तान हैं। ताई और मेरी माँ के पहली … Continue reading
ऊँच-नीच और दमन-शोषण का महिमामण्डन | Glorification of hierarchies and oppression-exploitation
#### ऊँच-नीच और दमन-शोषण का महिमामण्डन #### #### Glorification of hierarchies and oppression-exploitation #### ० उपमहाद्वीप में विद्वान इतिहासकारों ने स्वामी और दास सामाजिक गठन में स्वामियों की धारणाओं को “भारतीय संस्कृति” के तौर पर स्थापित करने के लिये अपने … Continue reading
“मार्च-आरम्भ से अक्टूबर-आरम्भ 2020 के दौरान व्हाट्सएप पर मजदूर समाचार” पुस्तक।
मार्च-सितम्बर में पूर्णबन्दी के कारण ऑनलाइन आदान-प्रदान के प्रयास अधिक रहे। अँग्रेजी में यह अलग से एकत्र किये हैं। हिन्दी में मार्च-आरम्भ से अक्टूबर-आरम्भ के दौरान के व्हाट्सएप पर आदान-प्रदान के प्रयास यहाँ एकत्र किये हैं। तिथि अनुसार हैं। लगता … Continue reading
मजदूर समाचार पुस्तिका चौदह
“मजदूर समाचार पुस्तिका चौदह” का आनन्द लें। जनवरी 2008 से दिसम्बर 2008 सम्भव है कुछ प्रस्थान-बिन्दु मिलें। # आदान-प्रदान बढाने के लिये अपने ग्रुपों में फॉर्वर्ड करें। # दिल्ली और इर्द-गिर्द के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थिति को देखते हुये अभी … Continue reading
वसन्त 2025
लगता है कि शीर्षक “” अधिक उपयुक्त होता। परन्तु सामग्री मजदूर समाचार के जनवरी 2013 अंक से है और शीर्षक “मार्च 2016” है। इन सात वर्षों में गति तथा विस्तार चकित करने वाले रहे हैं। इधर विश्व में उल्लेखनीय क्षेत्रों … Continue reading
रै ये प्रगति आर विकास के सैं ? आर के सै यो भ्रष्टाचार?
# प्रगति-विकास-भ्रष्टाचार एक-दूसरे से घनिष्ठता से जुड़े हैं। फिर भी, उल्लेखनीय समूहों में प्रगति-विकास को सकारात्मक और भ्रष्टाचार को नकारात्मक के अर्थों में लिया जाता है। # कह सकते हैं कि स्वामियों और सामन्तों की क्रूरता की तुलना में दूर-दराज … Continue reading
पैसा सब कुछ है …. पैसा सब कबाड़ा कर रहा है।
पैसा सब कुछ है …. पैसा सब कबाड़ा कर रहा है। इस सन्दर्भ में मजदूर समाचार के नवम्बर 2010 अंक से “रुपये का उत्पादन और वितरण” प्रस्तुत है।
मजदूर समाचार पुस्तिका तेरह
“मजदूर समाचार पुस्तिका तेरह” का आनन्द लें। जनवरी 2009 से दिसम्बर 2009 सम्भव है कुछ प्रस्थान बिन्दु मिलें। # आदान-प्रदान बढाने के लिये अपने ग्रुपों में फॉर्वर्ड करें। # दिल्ली और इर्द-गिर्द के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थिति को देखते हुये … Continue reading