# अपने दैनिक जीवन की बातें।
# सहज को, सामान्य को सामने लाना।
# हर व्यक्ति के महत्व को स्वीकार करना।
# जीवन में आनन्द की, उल्लास की असीम क्षमता के दर्शन।
2002 से 2012 के दौरान मजदूर समाचार के 19 अंकों में “आप-हम क्या-क्या करते हैं….” छापे हैं। यहाँ अप्रैल 2007 के अंक में एक 26 वर्षीय मजदूर की बातें प्रस्तुत हैं।