पैसा सब कुछ है …. पैसा सब कबाड़ा कर रहा है।

पैसा सब कुछ है …. पैसा सब कबाड़ा कर रहा है।

इस सन्दर्भ में मजदूर समाचार के नवम्बर 2010 अंक से “रुपये का उत्पादन और वितरण” प्रस्तुत है।

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